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Wednesday 26 September 2018

आयटम सांग ....मस्ती मस्ती मैं सारी महफिल को देने आ गयी ।

 आयटम सांग 
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मेरे कलमी रसीले मीठे आम । ओने पौने नहीं महंगे दाम ।। जिसकी पाकिट हो वो रस चूसेगा ।।
ना खरीद पाये जिसको सिकंदर । देखो-देखो जी जागे किसका मुकद्दर ।। 

मैंने देखा , देखा  देखा  देखा  ।
तूने देखा  देखा देखा देखा  ।
इसने देखा आँ  आँ आँ आँ ।
उसने देखा  क्या देखा रे क्या देखा ।
(एक बंदा ) राज मेरा ना छोरी कहीं खोल दे । 
बातों बातों मैं तू ना कहीं बोल दे ।। 
गोरी ठुमके लगा के तू ना राज खोल दे । 
बचके निकल्ले बिल्लू नी तो मर गया । 
मेरे सारे किये पर पानी फिर गया ।।
बचके किधर जायेगा रे मुंडिया ।। 
अभी तो मेरे चक्कर मे तू फिर गया ।।
मस्ती मस्ती मैं सारी बस्ती में छाने लगी ।।।
आग जलवों की मेरे महफिल मे दहकने लगी ।
शोला बदन मेरा कस्तूरी तन । सबका ललचाए मन ।
प्यासी नज़रें क्यों घूरे मुझे । 
बिन बोतल की दारू सा नशीला बदन । बाहों में कसने को लपके मुझे