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Sunday 25 February 2018

भारतीय संगीत की लोकप्रीयता पर चिंतन

    भारतीय संगीत का वर्ममान कद
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हरिओम जोशी : गीतकार सौगीतकार गायक  ।
जयपुर ।
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 एक युग वो था भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रतिष्ठा विष्वस्तरीय थी । स्वामी हरिदास तानसेन गोपालनायक अमीरखुसरो से लेकर असंख्य साधकों ने इसे चमत्कार पूर्ण प्रतिष्ठा दिलवायी ।
ओर एक आज के संगीत का दौर है जो पूरी तरह पाश्चात्य रंग में रंगा हुआ है ।
और इसके चलते हमारा संगीत दूर बहुत दूर धूमिल नज़र आता है । फिल्म हो या रंगमंच रेडियो टीवी एक ज़माना था ।
रिकाॅर्ड प्लेयर और  एल पी ई पी रेकार्ड्सम केसेट्स का बहुत व्यापक व्यवसाय होता था । बाद में   टेपरिकाॅर्डर केसेट्स प्लेयर चलन में आये । फिर  VCR CASSETTES AAYIN DVD VCD  का चलन चला । और जैसे जैसे टेक्नोलोजी का विकास होता गया संगीतकारों का भी कद बढता नज़र आने लगा । किंतु आज बाजारों में कहीं भी संगीत की कोई दुकान नजर नहीं आती । क्योंकि इंटरनेट पर अब सबकुछ मुफ्त में मिल रहा है । एक अकेले मोबाइल ने कितने ही व्यवसाय निगल लिये हैं । फोटो घडी से लेकर कयी हैं जो ठंडे पडे हैं ।

Boon world of music invites new singers


जय माता हरसिद्धि

जय श्री राधेकृष्ण

ॐनमःशिवाय सुबह दोपहरे सांझ हर घडी मन ध्याले रे शिव नाम । शिव जी ही हैं भोले भंडारी कर ते पूरण काम ।

जय श्री कृष्ण :- गीत संगीत हरिओम जोशी .

श्याम सुंदर मन मोहन माधव मेरे मन भावन है । 

वृँदावन का गैया चरैया चित चुरैया कान्हा है ।।
आआओ कान्हा 
बंसी बजा ओ 
बँसी की धुन सुन गोकुल में जैसे आया सावन है ।
श्याम सुँदर  .......
1. गोपिन ढूँढे ग्वालन ढूँढे ढूँढे गैया कृष्ण तुम्हें 
डारी कदम्ब की यमुना नीरे खाय हिलोरें ढूंढे तुम्हें 
भक्ति का सागर ,2 झूम रहा हर मन को तेरी चाहत है 
मेरे गिरधर .... नटवर नागर ....
सूर की वाणी राधा रानी  मीरा गाती जीवत है । 
श्याम सुंदर ......

3. एक तरफ है भक्ति का रेला जय जय गूँजे नाम तेरा 
नानी बाई भोग जिमावे तंदुल मित्र सुदामा तेरा -2
अर्जुन का रथ .-2 हांकने वाले गीता ज्ञान सुनावत है । 
योग बतावे ...... कर्म सिखावे .....
भाव का साथी भक्त का साथी खाटू में पुजवावन है । 
श्याम सुँदर ..............
पूतना मारी कुबजा तारी  कालिय नाग पछाडत हैं 
चाणूर मारे कँस पछाडे संतन सिद्धि बचावत है ।  
 देवकी माँ वसुदेव के लाला  नंद यशोदा पालत है ।
जगत पालक राधेकृष्ण
 माखन चोर नंद को छोरा 
 गोकुल रास रचावन हैं 
श्याम ....
जयश्रीश्यामजयश्रीश्यामजयश्रीश्यामजयश्रीश्याम
गीतकार संगीतकार :- हरिओम जोशी ।

जय महांकाल

जय श्रीनाथजी

जय श्रीनाथ जी

देश भक्ति गीत

मेरा   :::::::::::-  सागर हिंद की लहरों -:::::::::::::::::::::: 
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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी ।
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   सागर हिंद की लहरों ने हँसकर यूं कहा हमसे ।
   चरण भारती के धोकर खुशहाल रहता हूँ ।।

1. मेरा सौभाग्य है भाई जनम् चरणों में है पाया ।
    अमरता का वर पाकर यूगों से निर्मल चित पाया ।
    तुम्हे और भारत माता का सदा सम्मान करता हूँ ।।
           खुशहाल रहता हूँ ...........

2. अवध काशी वृंदावन द्वारिका के धाम की धरती ।
    ये ख्वाजा हिंद गिरजाघर गुरूद्वारों की है धरती ।।
    सभी को अंक में रख्खे सदा गुणगान करता हूँ ।।
           खुशहाल रहता हूँ .....

3. जहां पोंगल दिवाली होली मुहर्रम ईद मनाते हैं ।
    जहां क्रिसमस महावीर बौद्ध जयंती भी मनाते हैं ।
    जहां हर दूसरे दिन पर्वों का अंबार पाता हूँ ।
             खुशहाल रहता हूँ ............

(((((((((((((((((((( जय हिंद- वंदे मातरम् )))))))))))

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यही हमारी भारत माता है जिसकी धरा पर जन्म पाना मेरा परम् सौभाग्य है ।
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