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Tuesday 1 May 2018

आज हर कोई अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

नमस्ते 🙏  आप सभी को शुभकामनाएँ देते हुए निवेदन है कि इस बार संगीत के क्षेत्र से बाहर हो कर न्ई सोच पर बात करने का मन कर रहा है। 
आज हर कोई अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है कि ना जाने आने वाला समय कैसा होगा और मानसिक रूप से विश्वास की डोर जो आज तक कायम है वो आने वाले समय में भी रहेगी या नहीं। 
मनुष्य तब भी भ्रम में जीने को मजबूर था और अब भी उसके पास कोई सही भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने का माध्यम नजर नहीं आता। 
विश्व में सब कुछ ठीक वैसा ही हो रहा है।  एकदूसरे से टकराव युद्ध की स्थिति। परमाणु बम बनाने की होड ।  हरेक शक्ति संपन्न होना चाहता है। 
क्या कोई है जो इस प्रकार के भय से दुनिया को बचा सके।