वो यादें जो हसीन थी जाने कहाँ गयी ।
जो थी मेरा मुकद्दर जाने कहां गयी।।
जिसकी मुहब्बत ने मुझको किया निहाल
वो जो दिल में क़रीब था जाने कहाँ गया ।।
१.मुद्दतें हो गयी किसी ओर दिखता नहीं ।
वो था जाँ नशीं जाँ मेरी ले गया ।।
२.हर बात उसकी मेरी यादों में है
दिल को चुरा के ना जाने कहाँ गया ।।
लगता नहीं है कोई उसके जैसा यहाँ ।
उसकी राह तकूं मैं जाने कहाँ गया ।।