गीतकार संगीत संयोजक हरिओम जोशी । कृत ।।
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यो मेवाडी मान सगला लोकांं सूँ महान छे ।
धरती रा सम्मान री खातिर, राजपूती शान छे ।।
यो चित्तौड़ रो दुर्ग त्याग और बलिदान री गाथा गावे है ।
वीर नारियाँ लाज बचाबा अग्नि कुंड नहावे है ।।
कुंभा सांगा उदय सिंह श्री माहाराणा प्रताप रो कुल ।
त्याग तप बलिदान वीरता स्वभीमान वीरां रो कुल ।।
मीरां बाई री भक्ति री पन्नाधाय रा अमिट त्याग री ।
चेतक री स्वमीभक्ति री , पीथल रा बलिदान री ।।
खिलजी बाबर अकबर पचग्या रण में खूब छकाया हा ।
लडता भिडताँ वीरगति पा हँस हँस प्राण लुटाया हा ।।
घास री रोटी खाकर भी जो आपणो मान बचावे छे ।
दुश्मन भी जीं री ताकत सूँ थर थर थर थर्रावे छे ।।
नमन करूँ हल्दी घाटी ने हर पल जींरो गान करूँ ।
श्रीनाथ जी चार भुजाजी एकलिंग गुणगान करूँ ।।