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Tuesday 24 March 2020

SAI KI VIBHUTI KA CHAMATKAR DEKHIYE LYRICS AND MUSIC COMPOSED BY HARIO...

<iframe width="459" height="344" src="https://www.youtube.com/embed/UHznukrFzdY?clip=  THIS SONG IS DADICATED TO SHIRDI SAI BABA

Friday 13 March 2020

सोचो ज़माने वालों। गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी

कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सार्थक जन चेतना गीत
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" सोचो ज़माने वालों....
गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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कन्या का कौंख में ही दम घोंट देने वालों।
बेटी के जीने का तुम हक छीन लेने वालों।।
अरे इंसाँ है बेटी भी तो सोचो ज़माने वालों।। ।

1. इक भ्रूण को कुचल के क्या वीरता दिखाते।
     अपना ही खूँन पीकर खुशियाँ जताने वालों।
     अरे इंसाँ है................

2. क्या शान पाओगे तुम निष्प्राण उसको करके।
    अपनी ही भाग्य रेखा खुद ही मिटाने वालों।।
     अरे इंसाँ है............
3. इंसानियत के दुश्मन हत्यारे बन गये तुम।
    नन्हीं कली का जीवन हक छीन लेने वालों
    अरे इंसाँ है बेटी भी तो सोचो ज़माने वालों।

गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
।।।।। ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

Monday 9 March 2020

जाना नहीं दूर हमसे एतबार टूटे नहीं ः गीत संगीत हरिओम जोशी

एतबार टूटे ना
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जाना नहीं दूर हमसे।
एतबार टूटे ना।
दिल ये  जुडा है तुम से।
एतबार टूटे ना

बापू मारवाड़ परणाई रे। ऊँचो फेरण घाघरो गीत संगीत हरिओम जोशी

बापू मारवाड़ परणाई रे

ऊँचो फेरण घाघरो रे

लाजण मरगी रे

असी कली छे घाघरो जी घूमर घेरो जाय

ड्योढ़ी ड्योढ़ी झूमे गौर्यां श्रम कदे नई आय।।
जोबण री झणकारी रे। बांडो लागे घाघरो रे
लाजण मरगी रे।
बापू.......

Sunday 8 March 2020

सूर्य के 21 नाम


विकर्तनो विवस्वंश्च मर्तण्तो भास्करो रवि
लोकप्रकाशकः श्रीमान् लोकचक्षुर्ग्रहेश्वरः।।
लोकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्त्ता हर्ता तमिश्रहा
तपन तापनश्चेव शुचि सप्ताश्ववाहनः।
गभस्तिहस्त ब्रम्हा सर्वदेव नमस्कारः।।

Thursday 5 March 2020

बुजुर्ग ही हमारे संरक्षक हैं (कहानी :हरिओम जोशी)

                      "घर की इज्जत"
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कहानी :- हरिओम जोशी
दृश्य ः एक

विशाल आलीशान मकान के एक कमरे में बूढ़े माता-पिता रहते हैं और इसी कमरे के एक कोने में उन्होंने अपने खाने पीने की व्यवस्था एक छोटी सी रसोई के रुप में कर रखी है। मात की तबीयत खराब है फिर भी वह अपने और पति के लिए खाना बनाने के लिए रसोई में जा रही है।
पति :-" भाग्यवान तुम्हारी तबीयत खराब हो रही है। चलो तुम्हें डाक्टर के पास ले चलता हूँ।"
पत्नी :- " नहीं जी ऐसी कोई खास खराब नहीं है। आप चिंता मत करो।"
पति :-" कैसे खराब नहीं है (सहारा देकर उठाने लगता है) चलो उठो। काम बाद में कर लेना।
पत्नी : (हाथ से उनको रोकती है) अरे नहीं जी बस थोड़ा सा ही तो खाना बनाना है। बस अभी कर लेने दीजिये फिर चलूँगी। आप तब तक अखबार पढ लीजिये ना।
(पति अखबार उठाकर अपनी चारपाई पर बैठने लगता है तभी कमरे से बाहर हाल की तरफ से तेज़ तेज आवाज में संगीत बजने लगता है और कुछ लोगों के हँसने बोलने और तालियों की आवाजें आने लगती है।
हेप्पी वेडिंग एनिवर्सरी राहुल।
एंड मेघा।
राहुल :- थैंक्यू जितेश।
मेघा :- थेंक्यू।
राहुल :- आज इस खुशी के मौके पर आये हो लेट्स हेव ए ड्रिंक।
जितेश :- " हां यार क्यों नहीं।" मेघा आप भी लो थोड़ी सी "
मेघा :- " नहीं आप लोग एंजॉय करिये तब तक मैं आपके लिए गरमागरम पकौड़े तैयार कर के लाती हूँ।
पति (क्रौध में भर कर) यहां तुम उसकी माँ बीमार हो और वो नामाकूल वहाँ जश्न मना रहे हैं। "
पत्नी :- अजी जाने दीजिये ना आज उनकी शादी की सालगिरह है। मनाने दीजिये उनको क्यों गुस्सा करते हैं।
पति :-" तुम्हारे लाड प्यार का ही नतीजा है। माँ-बाप को एक अलग कमरे में बंद कर दिया है। और अपनी अय्याशी कर रहा है। अपनी बीवी के साथ।
पत्नी :- " उसकी उम्र है जी खुशियां मनाने की आप क्यों उस पर.....?
पति (व्यंग्य के साथ चिढ़ के) " हाँ यही तो उम्र है उसकी माँ बाप को एक कमरे में बंद कर फटकने की। मेरा घर होते हुए मैं ही बाहर से आना जाना करुं और लाट साहब। मौज करें।
पत्नी :- आपकी ज़िद के कारण ही यह सब होने लगा है।
पति :-" अच्छा। मेरी ज़िद। यह सब उसके नाम कर दूँ और तुमको लेकर सडकों पर मारा मारा फिरुँ।
पत्नी :- आप उसे गलत समझ रहे हैं। हमारा बेटा ऐसा नहीं है।
पति :-" वो तो दिख रहा है। कैसी माँ हो तुम?
नहीं दिया तब तो यह हाल है और दे देता तो जाने क्या क्या करता। "
पत्नी :- " क्या करूँ माँ हूँ ना। बेटा कपूत हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती है।
( तभी हाल में से बहू के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगी।)" अजी देखिये तो क्या हुआ है बहू क्यों चिल्ला रही है?
पति :-" मैं क्यों देखूँ होने दो जो भी हो रहा है।
मेघा  :- अरे छोड़ मुझे नीच आदमी। राहुल प्लीज़ बचाओ मुझे।
पत्नी :-  अजी जाईये बहू को बचाईये। ज़रूर कोई बात है।
पति ( बहू की चीख पुकार सून के उसे भी रहा नहीं गया और कमरे का दरवाजा खोल कर जब उसने देखा तो दंग रह गया। आँखें फटी रह गईं। अपने घर की इज्जत को राहुल के दोस्त जितेश के हाथों छटपटाते देख बूढ़े बाप की आँखों में खून उतर आया। उसने देखा राहुल नशे में धुत्त पड़ा है और उसकी पत्नी को ग़ेर मर्द ने जकड़ा हुआ है और वह आजाद हो ने को छटपटा रही है। झट से उसने जितेश का कालर पकड़ा और पीछे गिरा दिया। मेघा ने तुरंत अपने आप को आजाद होते ही संभाला। लेकिन तभी जितेश फिर खड़ा हो गया और बूढ़े की झटका देकर दूर गिरा दिया और फिर से मेघा की ओर बढ़ने लगा। लेकिन इस के पहले कि वह उसे पकड पाता बूढ़े बाप ने पास ही पडे पाइप से उसके सिर पर वार कर दिया। इसके बाद भी वह नहीं रुका और उसकी मरम्मत कर के घर से बाहर गली में डाल दिया।) 

घर में वापस आकर जब वह पीछे के रास्ते से अपने कमरे में जाने लगा तो मेघा ने दौडकर उसके पैरों में गिरकर क्षमा मांगी।
मेघा :- " बाबूजी मुझे माफ कर दीजिए। 
पति :- " माफी मांगने की जरूरत नहीं है बहू।
मेघा :- " नहीं बाबूजी मेरी ही गलती से आप अलग रहने लगे हैं। मैं बहुत गुनहगार हूँ आपकी। मुझे माफ कर दीजिये।( रोने लगती है) आज आप नहीं होते तो मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रह पाती।

पत्नी :-" बहू हम चाहे कैसे भी करके इस कमरे में रह लेंगे। लेकिन अपने घर की इज्जत कैसे लुटने दे सकते हैं।
मेघा :-" आप मेरे बारे में इतना अच्छा सोचते रहते हैं और मैं ही कितनी बदनसीब हूँ अपने माता-पिता समान सास-ससुर को अपमानित करती रही। माँजी बाबूजी मुझे माफ कर दीजिए। और अब से मैं ही आपकी देखभाल करूंगी।
दोनों ने खुलेदिल से बहू को माफ कर दिया।

Wednesday 4 March 2020

BOON MUSIC ACADEMY JAIPUR

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