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Sunday 12 July 2020

पति चाहिए ।

बेटी सयानी हुई तेरी बापु

 उसे ना तेरा घर अब चाहिये ।

माना कि तेरी परी लाडली 

मगर मुझको खुशी चाहिए ।।

पति चाहिए अब पति चाहिए ।

छोटी थी कन्या समझती नहीं थी ।

 अपने ही बाबुल के आँगन पली थी ।

 मगर अब तो यौवन का सुख चाहिए ।।

नोट टेम्परेरी लोंग टर्म चाहिए ।

पति चाहिये मुझको पति चाहिए ।

कन्या का दान कर मान बढेगा । 

दामाद तेरा धर्म पुत्र बनेगा ।।

बेटी पराया धन कब मानेगा ।।

कन्या का श्राप  गर देर करेगा ।।  .

जीवन सफर संग साथ चाहिए ।