सर्वमंगलकारी स्वयं सिद्ध सुख सम्पन्नता एवं यश- वैभव प्रदान करने वाला गोस्वामी तुलसीदास जी रचित श्री रामचरित मानस के पंचम सोपान सुंदरकांड का पाठ लगभग सभी श्रद्धालुओं के द्वारा घर में या मंदिर में अथवा सामाजिक मानसमंडल के सदस्यों के साथ मंगलवार शनिवार को किया जाता है। भारतीय सनातन धर्म के अनुसार इस पाठ के किये जाने से समस्त भय और शत्रु नष्ट हो जाते हैं और पाठकों को अतुल्य सुख वैभव और यश की प्राप्ति होती है।
किंतु क्या आप जानते हैं कि सर्वश्रेष्ठ फलों को प्रदान करने वाले इस पाठ को किस प्रकार से किया जाये तो सामुहिक रूप से सभी पाठकों को भी उसका पूरा लाभ मिलेगा।
इसी विचार के साथ प्रस्तुत है सुंदरकांड पाठ का सामुहिक पूजन करने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा।
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Thursday 27 February 2020
सामुहिक सुंदरकांड पाठ का सही तरीका
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