।। प्रातः वंदनीय।।
गीत संगीत हरिओम जोशी
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भोर की शुभ वेला में हम सब।
तेरा वंदन गाएं।।
हाथ जोड़कर शीष झुकाकर
ईश्वर तुम्हें रिझाएं।।
मन के भाव पवित्र बने और
स्नेह भाव दर्शाएं ।।
ज्ञान की ज्योति जले जीवन में
जीवन सफल बनायें।।
हर विपदा में हर मुश्किल में प्रभु
तुम ही एक सहाई ।
विश्व धरा पर गगन बिंदु पर
तुम ही एक सहाई
अंतरतम में रोम रोम में
तुम्हें उपस्थित पाएं
मन के भाव पवित्र बने और
स्नेह भाव दर्शाएं
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