तू है मेरा दिलदार बजे तेरे दिल में इश्क़ का साज
तो आवाज़ दे । आँखों से तू इज़हार दे ।
मेरीे तन्हा ज़िदगी को यार तू आगाज़ दे ।।
मैं खयालों में तुझको मिल रहा हूँ बेक़दर ।
अब खयालों से यक़ीन अंदाज़ दे ।।
तेरी काली ज़ुफें मेरे सामने तो ला ज़रा ।
मद भरे होठों से मेरे लब मिलाकर साज़ दे ।।
तुझसे चाहत है मेरी ये दिल मेरा भी जानता ।
इस जुदाई को मिटा तस्दीक जानम आज दे ।।
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ग़ज़ले मौसिकी
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