पिता की सख्ती या पुत्र को प्रेम
=================================
क्या एक पिता किसी भी दृष्टि से अपने पुत्र का अहित सोच सकता है । या उसकी कामना होती है कि मेरा पुत्र कहीं भी असफलता का मुख देखे ।
उत्तर निःश्चित ही नहीं में आता है ।
फिर एक ही घर में रहते हुए परस्पर विरोधाभास और टकराव का वातावरण क्यों बनने लगता है ।
क्यों पिता पुत्र एक ही घर में अजनबियों की तरह दिखाई देने लगते हैं ।
इसके कई कारण स्पष्ट हो सकते हैं ।
विचारों में असमानता ।
महत्वकांक्षाएं
आर्थिक अवस्था
दिशाहीन भविष्य की पात्रता ।
-:-एक पिता की कामना-:-
-------------------------------------------------------------------
ऊँचाई को छू लेना तुम आसमां की बुलंदी तक
चांद सितारों से भी ऊपर अनंत ऊंचे अंबर तक
जो मैं कर न सका जीवन में उसको तुम पूरा करना ।
मेरी आस अधूरी को तुम मेरे रहते सच करना ।।
ना जाने कब काल घडी जीवन ये लेने आजाए ।
सुंदर सपनों का जगत् ये पल भर में छिन जाये ।।
-::-::::'''"""""::::::::::::::::-::-
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
No comments:
Post a Comment