कलिकाल में दुष्टों ने पाप का बोझ बढाया।
सकल जगत के तारणहार श्रीराम मंदिर ढहाया।
राम भक्त कहलाते तुम कहां गया अभिमान।
कहां हो राम भक्त हनुमान।।
है संकट में अवध का मान।
मैंने सुना है और पढा है रामायण में बहुत लिखा है।।
राम के कारज करने वाला हनुमान ही एक सखा है।।
उठालो अब तो गदा हनुमान । बचालो राम धाम का मान।।
बनाओ राम लखन का धाम। मिटादो दुश्मन के झूठे मान।।
रामायण से निकल कर आना होगा तुमको।
जो भी आड़े आये उनको मारना होगा तुमको
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