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Tuesday 8 May 2018

वक्त की परछाइयाँ "

             "  उम्र के मुकाम पर पहुंच गई ज़िंदगी "
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ये है वक्त की परछाइयाँ।  ज़िंदगी की अंगडाइयां ।।
नाजुक था जिन पर और यकीं था
प्यार मुहब्बत का  मकीं था
ग़म में हों या फिर खुशी की
सारी बातें दरमियाँ।
ये है वक्त की परछाइयाँ........ 

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