सबकी 
अपनी क़िस्मत है ।
कोई हँसता कोई रोता है ।।
कोई छीन लेता खुशियों को ।
और कोई जीवन देता है ।।
1.
प्यार मुहब्बत की रस्में हैं ।
दुनिया को मंजूर नहीं । 
दिल टूटे चाहे जुड जाये 
किसी को कोई फ़र्क़ नहीं 
अनजाने बनजाते हमदम 
अपना ही ज़ख्म देता है ।
2.
वक़्त के आगे ज़ोर कहांँ 
साहिल दे या दे मंज़िल ।
दर्द ए मुहब्बत दे दे 
या दे दे सुकूने दिल ।।
कोई जीत की खुशियाँ मनाता 
कोई पाने को तरसता है ।।
 
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