"ईश्वर एक रूप अनेक "
गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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        तेरी ही ज़मीं है । तेरा आसमाँ  है ।
        तुझसे ही दुनिया का चलता कारवाँ है ।।
        तू बनाता है तू ही छीन लेता है ।
        तेरी बरक़तों से ही चलता आशियाँ है ।।
       तू ही रहनुमा है मेरा  तू मेरा जहान है  ।
        तुझमें ही हरशय है । तू ही बाग़वां है ।।
   
        कोई कहे तुझको खुदा कोई शिव राम कहे ।
         कोई जीसस बोले कोहीं वाहे गुरू का जहाँ ।।
       तेरा दर मंदिर है । तेरा दर काबा है ।
        गिरजेघर में ग़र तू । तेरा गुरुद्वारा है ।।
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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी ############################
 
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