atOptions = { 'key' : '9b9688a73657a99887bedf40f30c985c', 'form

Thursday 14 February 2019

क़िस्मत :- हरिओम जोशी

सबकी
अपनी क़िस्मत है ।
कोई हँसता कोई रोता है ।।

कोई छीन लेता खुशियों को ।
और कोई जीवन देता है ।।

1.
प्यार मुहब्बत की रस्में हैं ।
दुनिया को मंजूर नहीं ।

दिल टूटे चाहे जुड जाये
किसी को कोई फ़र्क़ नहीं

अनजाने बनजाते हमदम
अपना ही ज़ख्म देता है ।
2.
वक़्त के आगे ज़ोर कहांँ
साहिल दे या दे मंज़िल ।

दर्द ए मुहब्बत दे दे
या दे दे सुकूने दिल ।।

कोई जीत की खुशियाँ मनाता
कोई पाने को तरसता है ।।