कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सार्थक जन चेतना गीत
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" सोचो ज़माने वालों....
गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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कन्या का कौंख में ही दम घोंट देने वालों।
बेटी के जीने का तुम हक छीन लेने वालों।।
अरे इंसाँ है बेटी भी तो सोचो ज़माने वालों।। ।
1. इक भ्रूण को कुचल के क्या वीरता दिखाते।
अपना ही खूँन पीकर खुशियाँ जताने वालों।
अरे इंसाँ है................
2. क्या शान पाओगे तुम निष्प्राण उसको करके।
अपनी ही भाग्य रेखा खुद ही मिटाने वालों।।
अरे इंसाँ है............
3. इंसानियत के दुश्मन हत्यारे बन गये तुम।
नन्हीं कली का जीवन हक छीन लेने वालों
अरे इंसाँ है बेटी भी तो सोचो ज़माने वालों।
गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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