उसे ना तेरा घर अब चाहिये ।
माना कि तेरी परी लाडली 
मगर मुझको खुशी चाहिए ।।
पति चाहिए अब पति चाहिए ।
छोटी थी कन्या समझती नहीं थी ।
 अपने ही बाबुल के आँगन पली थी ।
 मगर अब तो यौवन का सुख चाहिए ।।
नोट टेम्परेरी लोंग टर्म चाहिए ।
पति चाहिये मुझको पति चाहिए ।
कन्या का दान कर मान बढेगा । 
दामाद तेरा धर्म पुत्र बनेगा ।।
बेटी पराया धन कब मानेगा ।।
कन्या का श्राप  गर देर करेगा ।।  .
जीवन सफर संग साथ चाहिए । 
 
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