गीत संगीत गायन : हरिओम जोशी
सहगायन । अर्तिका सिंह
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लख दातारी के मंदिर में देर ना अंधेर है ।
श्याम धनी के चरणों में सर टेकने की देर है ।
जो भी आया खाटू में श्री श्याम के दर्शन पाने को ।
जीवन से दुःख मुक्त कराने सुख वैभव धन पाने को ।।
रोगी योगी संत सभी की श्याम शरन में खेर है ।
श्या नाम में श्रद्धा रखकर मांगने की देर है ।।
जैसी जिसकी मंशा मन में वैसा ही उपकार करे ।
श्याम धनी मेरा खाटू वाला पल में सुख संसार भरे ।
हारे के सहारे श्यामा करते ना कोई देर है ।
सच्चा दर श्री श्याम का प्यारे पावन खाटू नाम का ।
जयकारे गूँजा करते गुण गावें सब श्री श्याम का ।
छप्पन भोग की झांकी सजती जगरातों का ढेर है ।झूम झूम कर नाचे गायें श्याम नाम की टेर है ।।
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