प्रेम नहीं कोई ब्योपार
गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
तू ही म्हारी जीवण री आधार ।
गौरी प्रीत म्हारी थारे लार ।
नहीं कोई ब्योपार ।।
कोरस :- प्रेम बिना सूना संसार । प्रेम ही सृष्टि रो सार
Female :-थारा मन री कोमलता । अंतर्मन री सुंदरता
दुनिया सूं भी सुंदर थारा विचार ।
Male. मन में जीं री कल्पना छी थारे भीतर पाई ।
म्हारी जीवन री संगिनी बनाने विधना राह दिखाई
धन धन सतगुरु देव जी थारो अद्भुत रूप निखार
प्रेम नहीं कोई ब्योपार
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