" ग़ज़ल " गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी 
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       जिसमें कोई किरदार नहीं।।
      बस ख्वाहिशों का जंगल है
      सच का नामोनिशान नहीं।।
     जिसको ख्वाबों में देखूं सदा ।
    वैसा तो कोई हमराह नहीं
    रहता है खयालों में मेरे
    ना जाने कहां ख़बर नहीं
    हर ख्वाब हक़ीक़त जरूरी नहीं।
    हो उसे भी तलब ये ज़रूरी नहीं
    बस दिल में ज़िद की हालत है ।
    मिल जाए वो दिलबर ख़बर नहीं।।
   गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी रचित 
 
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