कहानी शीर्षक : अनजाना एहसास
लड़का घने जंगल में रास्ता भटक गया। अपनी मंजिल पाने में असफल थक हार कर एक वृक्ष की छांव में बैठकर सुस्ताने लगा। काफी दूर तक चलते रहने की वजह से उसे गहरी नींद आ गई। तभी वहां से वन कन्याओं का आना हुआ। स्वच्छंद वन में विचरण करती हुई आईं। उनकी मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से परियों जैसी छवि लगती थीं और मंत्रमुग्ध कर देने वाली सुगंध वातावरण में सुखद् अनुभूति करवा रही थी। तभी उसी वृक्ष की छांव में
अनजान खूबसूरत युवक को सोया हुआ देख कर वे सब वहां ठिठक गयी।
उस निर्जन वन में कोई नहीं आता था। वन कन्याओं ने अपने अंगों को देखकर निद्रा मग्न युवक के बलिष्ठ शरीर को देखा
अचंभित सी इशारे इशारे में एक दूसरे से सांकेतिक तुलना करती थी और युवक की सुंदरता की प्रशंसा कर रही थी।
तभी उन सुंदरता की धनी यौवन वन कन्याओं की मोहक सुगंध से युवक की निद्रा भंग हो गई। उसने लंबी श्वास लेकर उस मोहक सुगंध को सूंघा तो सुंदर युवतियों को देखा। वे आपस में उसके करीब ही खड़ी हुई आपस में कुछ संकेत कर रही थी। मुस्कान भरे अति सुंदर मुख वाली
इतनी आकर्षक सुंदरियों को अपने नजदीक पाकर युवक भी आनंदित होने लगा । और उनकी प्रतिक्रिया अनुभव करने के लिए चुपचाप सोते रहने का भाव लिए आंखें बंद किए पड़ा रहा।
उनमें से एक युवती ने उसके होंठों पर उंगली से सहलाया फिर अपने गुलाबी होंठ सहलाते , उसके गालों पर हाथ रखकर धीरे धीरे उसके सीने तक हाथ रखकर अपने सीने की भिन्नता से तुलना करती रही।
अब युवक जागा हुआ था अतः उसके स्पर्श को पाकर वह भी आनंदित हो रहा था मगर प्रकट में अचेतावस्था में ही दर्शाता रहा।
स्वयं युवती भी अपने अंगों में यौवन की तपिश का अनुभव करने लगी थी।
वह भी जांचना चाह रहा था कि अब वो आगे क्या करने वाली हैं।
अब बारी बारी से अन्य युवतियों ने भी उसके बदन को छू कर ऐसा अनुभव किया कि जैसे अपने ही जैसे मनुष्य को एक अलग स्वरूप में पाकर वह बहुत आकर्षित हो रही हैं। और रोमांचित हो उठी।
पहली युवती ने युवक के पास एक झुक कर उसके आलिंगन में लिपट गई। युवक जो अधजगा लेटा हुआ सुखद आलिंगन पा गदगद हो गया था और युवती को जकड़ लिया।
युवती को यह बहुत सुहाना लगा किंतु तभी उसकी संगिनी ने उसे रोक कर कुछ इशारे से बताया।
युवती संभल गयी।
युवती ने सहमति से सिर हिलाया और वहां से चली गई।
1.वो क्या गुप्त संकेत क्या था?
2 उसके बाद क्या हुआ?
3. क्या युवक अपनी मंजिल पर पहुंच पाने में सफल हो सका।
4. क्या वन कन्याओं से युवक की पुनः भेंट हो पाई ?
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एक अद्भुत कल्पना दृश्य
परिकल्पना
हरिओम जोशी
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