सा सारे सानिधनि -2
सा सा सा सा रे ग रे सा
प पध पमगम -2 प पंप पधनि ध प
ग म ध नि सां-----------
के सागर हिंद की लहरों ने हंसकर यूं कहा हम से
चरण भारती के धोकर खुशहाल रहता हूं
मेरा सौभाग्य है भाई जनम चरणों में है पाया
अमरता का वर पाकर युगों से निर्मल चित् पाया
तुम्हारी भारत माता को सदा प्रणाम करता हूं
खुशहाल रहता हू
ये ख़्वाजा हिंद गिरजाघर गुरुद्वारों की है धरती
सभी को कर नमन दिल से सदा गुणगान करता हूं।
खुशहाल रहता हूं।।
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