राहें नई नई हैं मंज़िल तो एक है, 
चुन लेगा जो भी रास्ता, अपना ख़ुदा तो एक है.  
हिन्दू बना ना मुस्लिम, ना मज़ हब कोई बना, 
जो भी बना था पहले, इंसान ही बना, 
हमको मिली  जो राहें, शक क्यों अनेक हैं
चुन लो कोई भी रास्ता. वो खुदा जहाँ मैं एक है 
..... 
इंसानियत की खातिर इंसानियत निभाओ 
जीना है सुख से तो फिर, दहशत को मिटा ओ 
जिसका नहीं है ई मां शैतान तो अनेक है 
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Hariom Joshi 
Lyricist music composer singer and Director 
Boon world of music productions Jaipur 
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