देव धरा ।।
देव धरा इण भारत माँ री
थानें बात बतावां ।
आयो तिरलोकी रो नाथ अठे
बन ग्वालो गाय चराबां ।
जय माँ भारती -2 जय मांँ .....
यही तो शान है मेरी । यही तो जान है मेरी ।।
जय माँ भारती -2 जय माँ.......
1. गंगा यमुना सरस्वती कावैरी अमृत धारा ।
नर्मदा मैया रा तट पे शंकर कण-कण सारा ।।
वेद पुराण बखाने जीं री महिमा अनुपम गावांँ
ज्वाला माता री ज्वाला रो भेद अखंड बतावाँ
जय माँ भारती -2 जय माँ ........
यहीं तो आन है मेरी , ये भारत की धरा मेरी ।।
जय माँ भारती -2 जय माँ ...........
2. उत्तर में हिमराज मुकुट तो सागर चरण पखारे ।
पूरब में अरुणालय जोते पश्चिम मरुधर सिणगारे
हरितांबर री ओढ ओढनी माता ने सजावाँ
सतपूडा विंध्याचल थारी देह बडी बधावां
जय माँ भारती .........
यही तो आन है मेरी ........
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गीत संगीत हरिओम जोशी
देव धरा इण भारत माँ री
थानें बात बतावां ।
आयो तिरलोकी रो नाथ अठे
बन ग्वालो गाय चराबां ।
जय माँ भारती -2 जय मांँ .....
यही तो शान है मेरी । यही तो जान है मेरी ।।
जय माँ भारती -2 जय माँ.......
1. गंगा यमुना सरस्वती कावैरी अमृत धारा ।
नर्मदा मैया रा तट पे शंकर कण-कण सारा ।।
वेद पुराण बखाने जीं री महिमा अनुपम गावांँ
ज्वाला माता री ज्वाला रो भेद अखंड बतावाँ
जय माँ भारती -2 जय माँ ........
यहीं तो आन है मेरी , ये भारत की धरा मेरी ।।
जय माँ भारती -2 जय माँ ...........
2. उत्तर में हिमराज मुकुट तो सागर चरण पखारे ।
पूरब में अरुणालय जोते पश्चिम मरुधर सिणगारे
हरितांबर री ओढ ओढनी माता ने सजावाँ
सतपूडा विंध्याचल थारी देह बडी बधावां
जय माँ भारती .........
यही तो आन है मेरी ........
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गीत संगीत हरिओम जोशी
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