atOptions = { 'key' : '9b9688a73657a99887bedf40f30c985c', 'form

Sunday 22 December 2019

Melo dekhan chalan

    राजस्थानी गीत :- आपाँ मेलो देखण चालाँ ।
¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥¥
गीतकार _ संगीतकार :- हरिओम जोशी
(8619027915 ) boonworldofmusic@gmail.com
%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%
                "आपाँ मेलो देखण चालाँ "
                  :=:=:=:=:=:=:=:=:=:=:
Male
  रे म्हारी नखराली घरनार आपाँ मेलो देखण चालाँ ।
     मेलो देखण चालाँ री झूलो झूलण चालाँ ।
Female
रे म्हारा जीवन रा भरतार मेलो देखण कोनी चालाँ ।
सासूजी सुसरा जी एकला कैयाँ छोड चालाँ ।
Male
रमकूडी भी जावे वा झमकूडी भी जावे ।
रंग बिरंगी चूनर चोली पहन पहन ने जावे ।
काली छींट रा घाघरा रा निंजारा निरखावे ।
टाबर टींगर ले ले साथ आपाँ भी मेला में चालाँ ।
Female
रमकूडी रे सासू कोनी झमकूडी रे सुसरो ।
बड़ा बुजुर्गां री सेवा सूँ बड़ो नी मेलो सुसरो ।
सागे बैठाँ घर में खास मजो तो बीं में आवे ।
बाँट चूँट खावेलाँ साथ मेलो कोनी चालाँ ।।
Male
म्हारा सगला साथी जावे बइर्याँ सागे जावे ।
चाट पकौड़ी भेलपुरी रा चटखारा लगावे ।।
बैठ रेंट में झूलेलाँ री हो तैयार चालाँ री
अवसर आवे नी हर बार आपाँ झूलो झूलण चालाँ ।
Female
चाट पकौड़ी भेलपुरी थारे घर में ई बणाद्यूँ ।
साँझ ढले तो साजन थाने बाँयाँ में झुलाद्यूँ ।
छोड़ बुजुर्गाँ ने घराँ तरसता क्यूँ कर मेलो चालाँ ।
काँई बोलेलो संसार  मेलो देखण कोनी चालाँ ।।
=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-
इस गीत की विषेषता यह है कि नायक अपनी पत्नी को बार बार मेले में ले जाने मौज मस्ती करने की मनुहार करता है किंतु नायिका अपने सास श्वसुर की सेवा करने की भावना मन में रखते हुए पति को उसकी भी ज़िम्मेदारी न भूलने की बातें याद दिलाती है ।
आजकल जहाँ संयुक्त परिवार खंडित हो रहे हैं । बेटे बहू विवाह होते ही अलग ग्रहस्थी बसाने लगे हैं ऐसे समय में यह गीत प्रेरणा देता है कि अपने जन्मदाता माता पिता को छोडकर कोई खुशी नहीं पाई जा सकती ।
=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-

1 comment: