गणगौर गीत
गीत संगीत :- हरिओम जोशी
,boonworldofmusic@gmail.com
(8619027915)
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गौरी पजन करबा चाली दरसण दे गणगौर ।
दरसण दे गणगौर म्हारे कालजे री कोर ।।
ईसर जी ने पूजूँ माँ पारवती ने पूजूँ ।
कुंकुम टीको दीप धूप माता रुचिकर भोग चढाऊँ ।
म्हारी पूजा कर स्वीकार माँ दरसण दे गणगौर ।।
तू सुहागन माता शिवजी थारा रे भरतार
म्हारे सुहाग री लाज राख माँ जगती तारणहार
गलती हो जो करजे माफ दरसण दे गणगौर ।।
पूजा कोनी जानू थारी भक्ति कोनी जानूँ ।
भावना री भैट मानजे मूँ बस ईने मानूँ ।।
थारा गुण गावे संसार दरसण दे गणगौर ।।
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राजस्थान के लोक देवी देवताओं में ईसरजी और पारवती जी की बहुत महिमा है । इन्हीं को गणगौर
के रूप में पूजा जाता है । सुहगिनें अपने पति की लंबी आयु और सुख सौभाग्य की मनोकामना करती हैं ।
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