atOptions = { 'key' : '9b9688a73657a99887bedf40f30c985c', 'form

Wednesday 9 December 2020

बनी रा ठाठ निराला रे बनी रो काँई कहणों गीतकार हरिओम जोशी

बनी रा ठाठ निराला रे 
बनी रो काँईं कहणों । 
पायल छनकी चूडी खनकी 
कमर मटकणी रे
 बनी रो काँई कहणो ।।
मेहंदी रचाई हाथां में 
टिकलो सजायो माथा में 
सोना री बाली दमके 
काजल कोर आँख्याँ में । 
लाली सुरख लगाई रे 
बनी रो काँई कहणो । 
भावज निरखे मायड झिडके 
दादी लाड लडावे ।
सागे सागे सखी सहेल्याँ 
बन्ना बन्नी गावे । 
सबकी लाडली बन्नी रे 
बनी रो काँई कहणो ।

 गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी 

No comments:

Post a Comment