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Monday, 31 January 2022

अखियो से ओझल हूं।

अंखियों से ओझल हूं, 
दिल से तेरे ना  जाऊंगी ।
हां पापा, पर दिल से तेरे....

जबतक हैं सांसें बाकी
 संग तेरा   निभाऊंगी ।। हां पापा 
पर दिल से तेरे ना  जाऊंगी ......
1.
जज़्बात में कोई सवाल ना निकले ।
जिसका कोई जवाब न हो 
यक़ीं हमें रहे संग होने का 
जैसे खुली आंखों का ख़्वाब हो 
अपनी गुड़िया को पुकारना
मैं होने का एहसास करवाऊंगी 
हां पापा दिल से तेरे ना जाऊंगी .....
2.
नयन नापे दूरियां हृदय नापे रास्ते 
हर पल मैं झूमती  तेरे प्यार के वास्ते
ग़र हो गये  उदास तो झूठी बातों में उलझाऊंगी
 पापा ......
3. है फिर से ये चाहत , 
   करूं कंधों पे तेरे सवारी 
   मुख में भर कर पानी
   डालूं उजले कपड़ों पर पिचकारी 
   बंद आंखों से बीते लम्हे दोहराऊंगी 
   पापा .......
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रचनाकार :- डाॅक्टर शिवकुमार  संगीत हरिओम जोशी। गायिका श्रीमती दीपशिखा जैन।
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रिदम इन सेलेक्शन । 

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