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Thursday, 17 February 2022

बड़े बड़े विद्वानों में घिरा मैं छोटा सा इंसान हूं।

बड़े बड़े विद्वानों में घिरा मैं छोटा सा इंसान हूं।
क्यों फैल रही नफ़रत जहां में सोचकर हैरान हूं।।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई अपना अपना ज्ञान दे ।
अग्नि जल हवा है किसकी जिसकी पहचान दूं ।।

कट्टरता की फसल उगाकर काट रहे जिस जीव को ।
इस धरती पर तुम जैसा ही मैं भी तो इंसान हूं ।।

अपने अपने मजहब को कहते सब महान यहां ।
पर मज़हब नाम पे हत्या करना  क्या कहूं। ।

किस का धर्म बचेगा जब इंसान ही मारे इंसान को ।
कोई पंडित मोरवी पादरी बताए सुनने को बेताब हूं ।

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