भैरव मनाऊं आजा ।।
थारे मंदिर री सुणी घणी ख्यात रे बाबा
म्हारी भी अरजी सुण जो नाथ रे ।
नाकोड़ा में पार्श्वनाथ जैन तीरथ राजे ।
दूर देश रा नर नारी आके थारी ड्योढ़ी साजे ।।
1.बिगड़ी ने बणावे बाबो । खुशियां से संवारे बाबो ।
थारी महिमा थी निराली न्यारी बात ये बाबा ।।
म्हारी भी अरजी सुण जो नाथ रे ।
2.नगरी नाकोड़ा भैरव तीर्थ कहावे
हार चुके जो सबसे थासूं मन्नत पावे ।
आंध्यां ने आंख्यां देवे , बांझ्यां ने टाबर देवे ।
कोढ्यां ने काया देवे भैरव नाथ जी बाबा
म्हारी भी अरजी सुण जो नाथ जी
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