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Friday, 10 June 2022

तर्ज़। तेरी आंखों के सिवा

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है।
ये उठे सुबहान चले ये झुके शाम ढले ।।
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले 

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