दर्शनार्थी :-
हालांकि मुझे कोई सिद्धि नहीं,कोई भक्ति नहीं,
जीवन ये ऐसा योग्य नहीं।
जो मांग लूं पूरी करें श्री राम से हनुमान से या उमापति भगवान से।
फिर भी है यही कामना पूर्ण हो जाए। संकट मिटे सब जन सुखी हो विपदा मिटे जहान से।।
एक अन्य भक्त:-
मन में कपट भरे हों। कर्म में धोखा , जोड़े हाथ मंदिर में
कैसे शुभ हो मोका।
महिला दर्शनार्थी:-
दोष दिखाएं और के निज मन पाप समाय।
ऐसे को क्या बोलिए ईश्वर करेंगे न्याय।।
जो तुम खुद का मान चाहो। औरन मान करो ।
वरना फल अपनी करनी का प्राप्त करो।।
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