atOptions = { 'key' : '9b9688a73657a99887bedf40f30c985c', 'form

Thursday, 18 August 2022

बहक रही हैं मेरी आंखे महका जबसे तेरा बदन

बहक रही दिल की धड़कन
जब से देखा तेरा जलवा।।
मचल उठी है हसरतें ।
हुस्ने जां मेरी  मितवा ।।
झीलों सी गहराई आंखों की मदहोशी है।
तूफां मचल रहा है भीतर बाहर से ख़ामोशी है 

No comments:

Post a Comment