ooooooooooooooooooooooooooooooooo
डाल का पंछी डाल पे आए ।
बस मुझको तो मेरा भारत भाए ।।
१. हर देश की अपनी रीति अपनी भूमि।
सबको किया प्रणाम घर आ अपनी धरती। चूमी ।।
राम जी की दुनिया सारी यह कह के हमें न बहकाए ।।
बस मुझको तो मेरा भारत भाए......
२. घूम आई मैं लंदन टोरंटो आयरलैंड की। टाकानीनी ।
ना सास बहू के झगडे टंटे , ना ननद भाभी। की नुक्ताचीनी ।।
सूनी गलियां सूने आशियाने, कैसे कोई मन बहलाए ।।
बस मुझको तो मेरा भारत भाए.....
३ मेरे देश में चाहे जहां मिटटी में खेलो ।
ठेले वाला आए रद्दी दे दो और बदले में बर्तन ले लो ।।
रह-रह कर सब्जी वाला दिन भर आवाज़। लगाए।
बस मुझको तो मेरा भारत भाए ।।
४। कभी गर्मी , कभी सर्दी तो कभी बसंत बहार।
पुराने कपड़े बदल के लेलो नये गिलास गली मुहल्ले में हरबार।
जहां भाई बहन का संदेशा लेकर डाकिया। घर तक आए ।
बस मुझको तो मेरा भारत भाए।
No comments:
Post a Comment