तेरे लबों की मुस्कुराहट
मुझको बता रही है
तुमको भी मुझसे प्यार है।
दिल मिलने को बेकरार है।।
खामोशियों में भी कुछ कह रही निगाहें।
होठों की पंखुड़ियां लफ़्ज़ों को कह ना चाहें।।
लेकिन हया की बंदिश,
नाज़ुक सी दिल में चाहत
फिर भी छुपा रही हैं।
तुमको भी मुझसे प्यार है
दिल मिलने को बेकरार है।।
हालात तो इधर भी ऐसे ही हैं हमारे।
कहते नहीं है बनता जज़्बात मेरे।।
कुछ तुम क़दम बढ़ाओ
कुछ मैं वफ़ा निभाऊं
यही वक्त की ज़रूरत
हमको भी तुमसे प्यार है
दिल मिलने को बेकरार है।।
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