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Saturday 30 December 2023

हमारे पड़ोसी फिल्म का विचार

[12/3, 1:56 PM] boonworldofmusic H.Joshi: इस्लाम की ग़लत नीतियों और लव-जेहाद आतंकी गतिविधियों मुस्लिम पर्सनल लॉ। शरियत कानून के शिकार सिर्फ केवल अन्य धर्म हिंदू सिख ईसाई जैन पारसी बौद्ध की महिलाएं और लोग ही नहीं बल्कि स्वयं उनके अपने धर्म की महिलाएं भी त्रस्त हैं। और यही नहीं स्वयं मुस्लिम समाज की सतायी हुई एक बहुत गुणी महिला वर्ग की बतायी हुई आपबीती पर आधारित कहानियां हैं। जहां सगा बाप सगा भाई चाचा ताऊ बेटी को अपनी नापाक हवस का शिकार बना देते हैं। तीन तलाक़ बुर्का पहनना और को अपनी जरखरीद गुलाम समझना बच्चे पैदा करने वाली मशीन समझना जैसी कुरीतियां तो है ही लेकिन अन्य धर्म हिंदू सिख ईसाई जैन पारसी बौद्ध की लड़कियों को भी अपने प्रेमजाल में फांस कर उनके साथ अमानुषिक कृत्य को खुद इस्लाम की औरतें उजागर कर इस्लाम की कमजोरियां बता रही हैं 
ऐसा संदेश देती हुई कहानी पर आधारित फिल्म ZEE CINEMA TV CHANNEL. के लिए बनाने का सुझाव आया है। 
एक सशक्त फिल्म के साथ बहुत ही मार्मिक गीत भी लिखें। 
कहानी और गीत ऐसे हों जो किसी की भी भावनाओं को आहत नहीं करे और एक सकारात्मक संदेश समाज को दें ।
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एक करोड़ फायनेंस कोटा जयपुर के कुछ सामर्थ्यवान कर सकते हैं। और लगभग इतना ही बजट इस फिल्म पर आने की संभावना है। 
क्या हम ऐसा कर सकते हैं ?
लेकिन उक्त टीवी चैनल से आपको बात करनी होगी।
[12/3, 1:56 PM] boonworldofmusic H.Joshi: उनका कहना है कि क्या मुस्लिम औरतें सुंदरता में घरेलू कामकाज में या किसी भी दक्षता में अन्य मज़हब की औरतों से कम हैं? इन मुसलमान मर्दों से खुद की औरतें तो संभाली नहीं जाती और दूसरी तरफ मुंह मारते फिरते हैं।

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