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Monday, 17 June 2024

ब्याव रो लाडू कोनी खाऊं।

निवेदन: यह गीत भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ में और महान नेताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए लिखा गया है।

गीत: सफलता की कहानी

(संगीत: उत्साही और प्रेरणादायक)

(क)
ना शादी का बंधन, ना साथी का नाम,
फिर भी रच डाला इन्होंने, सफलता का काम।
कलाम जी थे मिसाइल मैन, विज्ञान के महान,
देश का गौरव बढ़ाया, बन गए हिंदुस्तान के प्राण।

(र)
ये हैं वो सितारे, जो चमके अनमोल,
बिना बंधनों के, कर गए सबकुछ गोल।
न थामा किसी ने हाथ, फिर भी ये चले,
राहों में रोशनी भरते, हर कठिनाई झेले।

(क)
अटल बिहारी वाजपेयी, राजनीति के शिखर,
कविता में भावनाएं, और निर्णय में दृढ़।
देश को सिखाया सबका साथ, सबका विकास,
बिना किसी बंधन के, दिया एकता का प्रकाश।

(र)
ये हैं वो सितारे, जो चमके अनमोल,
बिना बंधनों के, कर गए सबकुछ गोल।
न थामा किसी ने हाथ, फिर भी ये चले,
राहों में रोशनी भरते, हर कठिनाई झेले।

(क)
मोदी जी ने दिखाया, आत्मनिर्भरता का पथ,
विकास की राह पर चलाया, हर नागरिक का हक।
समर्पण और सेवा का, उन्होंने दिया सबक,
देश को बनाया मजबूत, ना कोई था शक।

(र)
ये हैं वो सितारे, जो चमके अनमोल,
बिना बंधनों के, कर गए सबकुछ गोल।
न थामा किसी ने हाथ, फिर भी ये चले,
राहों में रोशनी भरते, हर कठिनाई झेले।

(क)
योगी जी ने साधुता में, विकास का संकल्प लिया,
जनता की सेवा में, अपना जीवन सिया।
धर्म और सेवा में, उन्होंने दिया संदेश,
सकारात्मक ऊर्जा से, उन्होंने किया परिवेश।

(र)
ये हैं वो सितारे, जो चमके अनमोल,
बिना बंधनों के, कर गए सबकुछ गोल।
न थामा किसी ने हाथ, फिर भी ये चले,
राहों में रोशनी भरते, हर कठिनाई झेले।

(अंतिम)
इन महान आत्माओं ने, दिखाया रास्ता साफ,
बिना शादी के भी, कर गए इतिहास में दाख।
सच्ची लगन और मेहनत से, इन्होने पाया मान,
देश के हर कोने में, है इनकी पहचान।

(र)
ये हैं वो सितारे, जो चमके अनमोल,
बिना बंधनों के, कर गए सबकुछ गोल।
न थामा किसी ने हाथ, फिर भी ये चले,
राहों में रोशनी भरते, हर कठिनाई झेले

ChatGPT


मारवाड़ी गीत लिखे ब्याव रो लाडू कोनी खाया कलाम अटल मोदी योगी


ChatGPT

यहाँ एक मारवाड़ी गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ का उल्लेख हो:


ब्याव रो लाडू कोनी खाया

बोल:

ब्याव रो लाडू कोनी खाया,

अटल साहब ने देश संभाला।


मोदी जी ने नई रीत लाई,

योगी जी ने सुथरी राह दिखाई।


राह दिखाई, सुथरी राह दिखाई,

ब्याव रो लाडू कोनी खाया।


गांव-गांव में चहल-पहल आई,

नई उमंग, नई आस जगाई।


मोदी जी ने विकास की थाली,

योगी जी ने सुरक्षा की प्याली।


प्याली सजी, विकास की प्याली,

ब्याव रो लाडू कोनी खाया।


देश की धड़कन, जनता की आशा,

अटल जी का सपना, सच कर दिखाया।


संस्कृति की धरोहर को सहेजा,

मिलजुल कर देश को सजाया।


सजाया, देश को सजाया,

ब्याव रो लाडू कोनी खाया।


आशा करता हूँ कि यह गीत आपको पसंद आएगा।






और बड़ा बनाएं


ChatGPT

निश्चित रूप से, यहाँ एक विस्तृत मारवाड़ी गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ:


ब्याव रो लाडू कोनी खाया

बोल:

अंश 1:

ब्याव रो लाडू कोनी खाया,

अटल साहब ने देश संभाला।

भारत माता ने था बुलाया,

आओ मिलकर करें उजियाला।


अंश 2:

अटल जी के सपने सजीव हुए,

मोदी जी ने नई रीत लाई।

सबके दिल में नया उत्साह,

देश की नींव को मजबूत बनाई।


मोदी जी ने विकास की राह,

हर गरीब को सहारा दिलाया।

स्वच्छता की अलख जगाई,

हर घर में उजाला फैलाया।


अंश 3:

योगी जी ने सुथरी राह दिखाई,

राम राज्य की परिभाषा समझाई।

अपराधियों को सजा दिलाई,

सबको सुरक्षा का अहसास दिलाया।


गांव-गांव में चहल-पहल आई,

नई उमंग, नई आस जगाई।

हर एक दिल में नई तरंग,

भारत माता की जयगान सुनाई।


अंश 4:

शिक्षा में किया सुधार,

स्वास्थ्य में लाए क्रांति।

हर कोई आज गर्व करे,

देखो भारत की उन्नति।


सपनों का देश बनाने को,

अटल, मोदी और योगी आगे।

जनता का विश्वास जितने को,

मिलकर चलें हम सभी साए।


अंश 5:

नारी का सम्मान बढ़ाया,

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।

स्वच्छता अभियान चलाया,

हर घर में खुशियों का उजाला।


विकास की थाली सजी,

आत्मनिर्भर भारत की कहानी।

सपनों को हकीकत में बदलने,

आओ मिलकर करें मेहमाननवाजी।


अंश 6:

अटल जी की वाणी सुन,

जनता ने थी नई राह चुनी।

मोदी जी की नीति और योगी जी का साहस,

सबने मिलकर भारत को

 गढ़ा।


संस्कृति की धरोहर को सहेजा,

मिलजुल कर देश को सजाया।

हम सबकी मेहनत का फल,

नए भारत का नया उजाला।


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