कभी तुम ने पूछा मेरी चाहतें 
कभी हमने जाना जो दिल को छुईं।
कभी ख्वाब में हमने सोचा न था 
मुहब्बत हसीं ऐसे  होंगी हुईं 
      नज़रें मिली इशारों-इशारों में बातें.....
ना मैं तुम को जानूं ना तुम मुझको जानो 
नज़रें फरेबी ना होंगी मेरी जां मानो 
करिश्माई कुदरत की है क्या कोई 
       नज़रें मिली इशारों-इशारों में बातें हुईं 
 
No comments:
Post a Comment