" एक हो जाएं "
गीत चंद्रशेखर शर्मा "चंद्रेश "
संगीत गायन हरिओम जोशी
चलो इस सफर में हम एक हो जाएं ।
और इस बहर में दिल भी मिल जाएं ।।
1.जवानी निकलनी थी सो निकल गई ।
इस ढलती सांझ में हम एक हो जाएं ।।
2. ना कोई ठौर है ना कोई ठिकाना ।
चलो इस सफर में हम एक हो जाए ।।
ज़माने की रीति रिवाजों घिरे थे।
पैदा किया पाला अपने ही खूॅं थे।
खुदगर्जी उनको भी यही दिन दिखाए।।।
No comments:
Post a Comment