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Saturday 9 September 2017

भगवान बन कर लूट रहे इंसानों को शैतान

भगवान बन कर लूट रहे इंसानों को शैतान।
कहाँ हो कलियुग में भगवान। संकट में भक्तों के प्राण
अबलाओं की लाज लुटेरों ने आतंक मचाया।
गलियों में घर बाहर में नारी ने शील लुटाया
चीखते रोती रही द्रोपदियां क्यों सुनते नहीं भगवान
कहाँ हो कलियुग में भगवान। बचालो नारी का सम्मान
नकली संतों ने बाबाओं ने पाखन्ड रचाया
दीनों की कोमल श्रद्धा को ही हथियार बनाया ।         देव तुल्य से दिखने वाले यथार्थ में हैं  सारे शैतान
कहाँ हो कलियुग में भगवान कहां हो राम भक्त हनुमान

गीत संगीत
हरिओम जोशी
निदेशक बन वर्ल्ड आॅफ म्यूजिक
जयपुर

1 comment:

  1. जो लोग नारी को मात्र वासना की दृष्टि से देखा करते हैं और माँ बहन भाभी बुआ चाची मामी नानी दादी मौसी जैसे पवित्र रिश्ते भी निभाने के भाव नहीं रखते। उनका जीवन मनुष्यों में भी पशुओं के समान है। ऐसे दरिंदगी से जीवन जीने वाले कदापि क्षमादान के योग्य नहीं हो सकते

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