मेरी माँ - गीतकार - संगीतकार - हरिओम जोशी
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आँखों में ममता का सागर है तेरे ।
आँचल में जीवन का अमृत है तेरे ।।
तुझसे ही मेरा जीवन सजा है । तुझसे ही संसार पाया है मैंने
माँ
मेरी माँ
मेरी प्यारी -2 माँ ।
1.
तेरी ही उंगली पकड के चला मैं ।
ठौकर लगी तो गिरकर संभला में ।।
हरबार आकर तुमही ने संभाला
माँ मेरी माँ मेरी प्यारी -2 माँ
2.
जब जब मैं रूठा मनाया है तूने ।
हर ज़िद को पूरा किया माँ है तूने ।।
तुझसा न बिरला कोई जगत में ।
माँ । मेरी माँ मेरी प्यारी -2 माँ .......
3.
ईश्वर सुने या ना सुने मेरी विनती ।
मगर तेरी ममता की ना कोई गिनती ।
त्रिलोक भी है तेरा ऋणी माँ ।
माँ मेरी माँ । मेरी प्यारी -2 माँ ........
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गीतकार संगीतकार - हरिओम जोशी
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