सातसहेल्याँ लेकर आयी सूर्य रथ असमान ।
झालरापाटन में सुशोभित पद्मनाथ भगवान ।।
बीच नगर स्थापित करके हो ग ई अंतर्ध्यान ।
सूर्य नारायण री पूजा रो अद्भुत यो स्थान ।।
सूरज रो रथ रूपी मंदिर घणो सुहानो लागे ।
पहली किरण सूरज री मूरत मुख पे जागे ।।
चमत्कार दीखे मंदिर में सुबह सुबह आन
झालरापाटन में सुशोभित ...............
चँद्रभागा नदी और मंदिर पाटन री पहचान ।
कोणार्क रा सूरज मंदिर वाली अठे भी दीखे शान
दूर दूर सूँ आवे जातरी मन में इच्छा मान
झालरापाटन में सुशोभित ....................
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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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