गीत-संगीत :- हरिओम जोशी ।
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आज़ादी का दिन बहन की राखी का अरमान है ।
सरहद पर पहरा देते भाई से बहन  का फरमान है ।।
मेरे वीर बीर तू अपनी माटी की कसम लेना ।
पीओके अक्साई चिन दुश्मन से आज़ाद करना ।।
इस राखी पर यही बहन को भैंट तुम देना  ।
रक्षाबंधन के धागे को भैया यूँ ही निभाना ।।
तू वीर भारतमाता का वीर सपूत है मेरे बीर । 
दुष्ट पिशाचों के सीनों पर गोलियाँ बरसा देना ।।
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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी 
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