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Saturday, 3 September 2022

अपनी अपनी किस्मत है

अपनी अपनी किस्मत है।
कोई हंसता है कोई रोता है।।

कोई छीन कर के खुशियों को
कैसे सुकूं से सोता है ।।

      मेरा दिल यक़ीं से कहता तुमको मुझसे प्यार है।
      लेकिन फिर भी ज़ुबां तुम्हारी पर क्यों इंकार है ,
      आशिकों को तड़पाना  हर माशूका को भाता है ।।

      शायद वो दिन भी आए कुदरत को रहम आए ।
      भूली हुई मेरी दिलबर को इश्क़ मेरा नज़र आए ।
       सहरा में  बारिश होगी ऐसा गुमां होता है ।।

अपनी अपनी किस्मत है ।

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