ओ यारा .....
ओ मेरे यारा....
ऐ मेरे या....र ।
दिन बीते महीनों बीते बीते सालों साल।
कभी नहीं बदला सबने देखा -२
अपना ये याराना कमाल।।
मौसम बदले फिजाएं बदली ज़माना बदले हर चाल ।
कोई जुदा कर दे ,  हमको यारा किसी की क्या मजाल।।
1. वो बचपन की गलियां अटखेलियों के दिन।
    बेचैन हो जाते थे  इक दूजे के बिन।। -२
        कालिज की जवां  रंगीली यादें बेमिसाल 
    कुदरत को भी रश्क होता देख अपना हाल।।
     कभी नहीं बदला तेरा मेरा याराना कमाल
2. परियों के मेलों में हसीनाओं के झमेले।
     वो शोख निगाहें  अदाओं से खेले 
     जुल्फों के घेरों में कालेज के डेरों में
     यादों के सागर में वो होस्टल में धमाल
     कभी नहीं बदला .........
 3 वो शोख हसीना जो तुझपे मरती थी।
    वो परियों सी शहजादी आहें भरती थी
    वो रूठना मनाना रोना खिलखिलाना
    कहां गए वो दिन चुरा के सुर और ताल
    कभी नहीं बदला तेरा मेरा याराना कमाल।
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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी।
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