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Saturday, 13 September 2025

नाकोड़ा भैरव जी


जय नाकोड़ा भैरव। गीत संगीत हरिओम जोशी 
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गीत, एक 
जय-जय भैरव जी, जय भैरव जी 
नाकोड़ा के राजा भैरव जी।।
१. बालोतरा में धाम तुम्हारो दर्शन पावें नर नारी 
   मन री आशा पूरी करते दादा नाकोडा भैरव जी 
   जय जय............

2. तेरे भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं,
    रोगी दरि्द्री री काया पलटगी है।।
    थारी ड्योढ़ी बुलाले भैरव जी।
   जय जय.........
3. भेरव शरण में जींने बुला ले,
     चरणा री धूली माथे लगाले 
     किस्मत धणी बन घूमें जी 
    जय जय भैरव जी ।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
गीत दो 
चलो चलो नाकोडा जी, भैरव के दरबार में।
पार्श्वनाथ के दर्शन को जैन तीर्थ संसार में।।
१. सम्यग दर्शन सम्यग जीवन पार्श्वनाथ के दर्शन में।
अविकल अविकारी अविनाशी आदिनाथ के मंदिर में।।
जीव मात्र की दया जो पाले उस पावन दरबार में।।
चलो चलो............
२. बड़ा ही मोहक और मनभावन सात्विक सत्य जिनालय है,
जैन धर्म की पावनता का अद्भुत शुद्ध दिवालय है, 
एक बार के दर्शन से ही नष्ट पाप आगार में 
चलो चलो नाकोडा...........
३. आज सुहाना दिन जीवन का, मिला है फल शुभ पुण्यों का,
योग बना संयोग मिला नाकोडा दर्शन पाने का 
त्रिशूल डमरू धारी बाबा भैरव के दरबार में।
चलो चलो नाकोडा....
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गीत तीन 
नाकोडा नगरी में मेलो छे भारी,
मंदरिये लाखों नर-नारी 
अरजी लगावे हार चढ़ावे 
मन्नत उतारे कोई मन्नत मनावे 
१ पारस नाथ रा देवालय में, भैरव छे चमत्कारी बाबो 
भगतां री पीड़ा हर लेवे मंशा पूरी करे रे बाबो।
सूनी गोद में खुशियां भर के जीवन में सुख करे रे बाबो 
२. घणों घणों शुभकारी है भैरव दरसण रो फल देवे है भैरव,
सांचों रे दरबार यो भैरव, नाकोडा सरकार छे भैरव 
जादू टोना मूठ टोटका पल में काट भगावे है भैरव 
३. दूर दूर सूं मिनखां आवे भैरव राज रा दर्शन पावें।
आस री जोत जगा कर वाले , भर-भर झोली घर ले जावे।।
म्हारी अर्जी भी सुण लीजो मन अलख जगाई है बाबा।।
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गीत चार गीत संगीत हरिओम जोशी।

नाकोडा भैरव के दर पे शीष झुकाएं हम ।
भैरव बाबा तेरी कृपा को शरन् में आये हम ।।
कोरस 
जय जय भैरव नाथ नाकोडा वाले।
जैन तीर्थ के रक्षक तेरी शरन् में आये हम।।
१. चमत्कार के ढेर कथाएं भक्त सुनाते हैं।
सदियों से नाकोडा जी ने सबके कष्ट मिटाये है।
दूर दूर के लाखों भक्तों, की अभिलाषा तुम -३
पल में हरते संकट सारे भैरव दादा तुम 
कोरस जय जय..........
२भूतप्रेत बाधाओं से जन-जन को मुक्त कराते हैं।
भैरव नाकोडा वाले सर्वत्र पूजे जाते हैं।
जैन तीर्थ के अतुलित रक्षक दिव्य भैरव तुम।
कोटि-कोटि वंदन अभिनंदन स्वीकारो प्रभु तुम।।
कोरस जय जय भैरव...........
३.जबजब सच्चे मन से दादा भैरव जी को याद किया।
तब तब संकट काट दिया सौभाग्य जगाया जीवन का।।
आस लगाकर हाथ जोड़कर विनती करते हम
कृपा करो हम पर आप की शरन् में आये हम 
कोरस 
जय जय भैरव नाथ नाकोडा वाले ........


 

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