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Tuesday 30 July 2019

स्वप्रेरणा गीत । गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी

गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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स्वावलंबी होना है , आत्मनिर्भर रहना है ।
जीवन भर गुलामी करके तो सदा दुःख सहना है ।।

ऊँच नीच की बात न करके निर्णय अब कर लेना है ।
पिंजरे का जीवन ये छोड़ मस्त गगन की में उडना है ।।

सोने का महल हो चाहे । चाँदी की हो थालियाँ  ।
किसी काम का नहीं आशियाँ ग़र मिलती हो गालियाँ ।।

जितना जल्दी संभव हो अब अपना जहाँ बनाएंगे  ।
स्वतंत्रता का जीवन जीकर रिश्ते सभी निभाएंगे ।।

घर कहीं परिवार कहीं रोजी रोटी का भान नहीं ।
ऐसी दुविधापूर्ण जीवनशैली का कोई समभाव नहीं ।।

भय आशंका से ग्रसित ही हम साहस खो देते हैं ।
संघर्षों से घबराकर हम पराधीन ही जीते हैं  ।।

पर अब दृढ़ निश्चय करके मार्ग नया चुन लेना है ।
ईश्वर हमको बल देंगे विश्वास अटल कर चलना है ।।

जो होगा अच्छा ही होगा । अब ना डर कर जीना है ।
कार्य करते रहना है , निज धर्म निभाते चलना है ।।

Sunday 28 July 2019

सात सहेल्याँ रो मंदिर पाटन में

सातसहेल्याँ लेकर आयी सूर्य रथ असमान  ।
झालरापाटन में सुशोभित पद्मनाथ भगवान ।।

बीच नगर स्थापित करके हो ग ई अंतर्ध्यान  ।
सूर्य नारायण री पूजा रो अद्भुत यो स्थान    ।।

सूरज रो रथ रूपी मंदिर घणो सुहानो लागे  ।
पहली किरण सूरज री मूरत मुख पे जागे  ।।
चमत्कार दीखे मंदिर  में सुबह सुबह  आन
झालरापाटन में सुशोभित ...............

चँद्रभागा नदी और मंदिर पाटन री पहचान ।
कोणार्क रा सूरज मंदिर वाली अठे भी दीखे शान
दूर दूर सूँ आवे जातरी मन में इच्छा मान
झालरापाटन में सुशोभित ....................



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गीतकार संगीतकार हरिओम जोशी
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Friday 26 July 2019

मेवाड री आन बान शान

गीतकार  संगीत संयोजक हरिओम जोशी । कृत ।।
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यो मेवाडी मान सगला लोकांं सूँ महान छे ।
धरती रा सम्मान री खातिर, राजपूती शान छे ।।

यो चित्तौड़ रो दुर्ग त्याग और बलिदान री गाथा गावे है ।
वीर नारियाँ लाज बचाबा अग्नि कुंड नहावे है ।।

कुंभा सांगा उदय सिंह श्री माहाराणा प्रताप रो कुल ।
त्याग तप बलिदान वीरता स्वभीमान वीरां रो कुल ।।

मीरां बाई री भक्ति री पन्नाधाय रा अमिट त्याग री ।
चेतक री स्वमीभक्ति री , पीथल रा बलिदान री ।।

खिलजी बाबर अकबर पचग्या रण में खूब छकाया हा ।
लडता भिडताँ वीरगति पा हँस हँस प्राण लुटाया हा ।।

घास री रोटी खाकर भी जो आपणो मान बचावे छे ।
दुश्मन भी जीं री ताकत सूँ थर थर थर थर्रावे छे ।।

नमन करूँ हल्दी घाटी ने हर पल जींरो गान करूँ ।
श्रीनाथ जी चार भुजाजी एकलिंग गुणगान करूँ ।।

Tuesday 9 July 2019

हारना नहीं मुसीबत में ।

(अक्सर हम लगातार मिलने वाली मुसीबतों से थक हार कर निराश हो जाते हैं । और जीवन की लगातार मिलने वाली असफलता ही हम पर पहाड बन कर टूट पडती है । काम करने की सामर्थ्य होते हुए भी हमें सफलता नहीं मिलती और इसी कारण हम अपने भाग्य को दोषी मान कर हार जाते हैं । ) क्या ऐसी परिस्थितियों से उबरने का कोई सटीक उपाय है ?  ज्योतिष ?  बाबा लोग ?  मंदिर मस्जिद दरगाहों से कोई चमत्कार ?  या कुछ ऐसा जो हमें अपनी हारी हुई ज़िंदगी से उबार दे ।
इन्हीं सवालों का जवाब हर आदमी पाना चाहता है । ईसी के लिए भाग दौड रहा है । किसी किसी को कहीं से थोडा सा भी समाधान मिल जाता है तो वही उसका परम आदरणीय माध्यम हो जाता है ।
मगर ये क्षणिक सुख ही साबित होता है । ज़िंदगी की आफाधापी में बहुत कठिन घाटियां हैं जो हम सबको पार करनी ही होगी ।